कोरोना काल में बाहर से बुलाई गई थी कॉल गर्ल…हुई मौत, जानिए पूरा मामला

नामचीन बिल्डर के बेटे की अय्याशी काफी दबाने के बाद भी चर्चा में आ ही गई है। जहां लोग ऑक्सीजन के एक सिलेंडर के लिए तरस रहे हैं, वहीं लखनऊ के इस व्यापारी पुत्र ने पूरे सात लाख रुपए खर्च करके थाइलैंड से दस दिन पहले कॉल गर्ल को लखनऊ बुलवाया। चार दिन पहले कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण कॉल गर्ल की मौत के बाद से मामला खुला तो जिम्मेदारों के पैरों तले जमीन खिसक गई। अब लखनऊ का भी नाम इंटरनेशनल कॉल गर्ल रैकेट में आ गया है।

करीब 10 दिन पहले राजधानी के पॉश इलाके की कालोनी में उसे रखा। 2 दिन बाद ही वह बीमार पड़ गई तो उसे लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 3 मई को उसकी मौत हो गई। अस्पताल से इसकी जानकारी पुलिस को हुई तो शव का पोस्टमार्टम कराया गया और अंतिम संस्कार के इंतजाम किए गए। विभूति खंड पुलिस ने थाईलैंड की रहने वाली लड़की की मौत की सूचना मिलने पर एंबेसी को भी सूचित किया गया। दिल्ली दूतावास से संपर्क कर उसका अंतिम संस्कार कराया गया। इस दौरान लोकल गाइड भी मौजूद था।करीब 10 दिन पहले थाईलैंड की एक कॉल गर्ल को राजधानी के पॉश इलाके की कालोनी में रहने वाले एक व्यापारी के बेटे ने बुलाया था। लड़की राजधानी पहुंची और युवक के साथ उसके घर भी गई। कॉल गर्ल की मौत के बाद पुलिस अब राजधानी में पांव पसार रहे इंटरनेशनल सेक्स रैकेट के बारे में पता करने में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि ये भी ट्रेस किया जा रहा है कि इस कॉल गर्ल के संपर्क में और कौन-कौन आया है। पुलिस के अनुसार ये कॉल गर्ल राजस्थान के रहने वाले एक ट्रैवेल एजेंट के संपर्क में थी। उसी ने इसे लखनऊ भेजा था। पुलिस अब इस एजेंट को भी तलाश कर रही है।लड़के ने खुद थाईलैंड एंबेसी से भी संपर्क किया

पुलिस की जांच में सामने आया है कि व्यापारी के बेटे ने कॉल गर्ल की तबियत बिगड़ने पर खुद थाईलैंड एंबेसी को फोन करके इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद एंबेसी ने भारत के विदेश मंत्रालय की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती कराया था।

छानबीन में सामने आया कि युवती दिल्ली से लखनऊ आई थी और तबीयत खराब होने पर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हुई थी। इंस्पेक्टर विभूति खंड चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक इस युवती की मौत की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई। इसके बाद थाईलैंड एंबेसी को सूचित किया गया। कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद विभूतिखंड पुलिस ने थाईलैंड एंबेसी की अनुमति पर पांच मई को शव का अंतिम संस्कार कराया। एक परिचित के माध्यम से इस सफेदपोश के बेटे ने युवती को ऐश करने के लिए लखनऊ बुलवाया था। इंस्पेक्टर विभूतिखंड का कहना है कि युवती के गाइड सलमान के सामने थाईलैंड एम्बेसी से अनुमति लेकर दाह संस्कार करवाया गया।

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